Tuesday, July 17, 2018

मी कवी झालो

आज एका कवी मित्रांनी मी कवी
कसा झालो याच रहस्य विचारलं।
हसलो गालातल्या गालात अन्
त्या सुंदर परीला नंकळत आठवलं।
इतका रमुन गेलो भुतकाळ
सांगण्यात की सर्व काही विसरून गेलो।
तिचेच उपकार आहेत माझ्यावर
तिच्यामुळे तर आज मी कवी प्रेम झालो।
                  ✍कवी प्रेम✍
                   १७/०७/०१८
                   ९६०४०००९६९
http://prempawal4000.blogspot.in/

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