Monday, April 27, 2020
Sunday, April 26, 2020
हुकमी राणी
मोरपंखी ते डोळे तुझे
प्रेमाची जणू हिरवळ होती,
गुलाम मी तुझा गं
हुकमी राणी तु होती,
कवी प्रेम
९६०४०००९६९
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परिचय
*परिचय*
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नाव-प्रितम सोन्याबापु पवळ
मु.पो.सुलेमान देवळा
ता.आष्टी जि.बीड
पोस्ट पिन-४१४२०२
राज्य-महाराष्ट्र
फोन-९६०४०००९६९
-९६८९९६५००१
-७५८८९७६६८०
Email-
pawalpritam@gmail. com
pritampawal77@gmail. com
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काव्यक्षेत्रात ओळख-कवी प्रेम
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शिक्षण-बी एस सी
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सध्या-व्यावसाय
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आतापर्यंत कविता चारोळ्या-
४१००
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*वात्रटिकाकार म्हणुन काम करतो*
तेजवार्ता साप्ताहिक(बीड)
दै.लोकमंथन (नगर)
दै.टाइम्स(बीड)
साप्ता.बीड प्रसार
दै.नगरी दवंडी
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प्रकाशित पुस्तक व
प्रकाशन सोहळा ठिकाण
*भाव माझ्या मनातला*
वणी(यवतमाळ)
*तु सुचवलं म्हणुन*
माधव पवार सरांच्या हस्ते
सोलापुर
*प्रेमची सत्यवाणी*
पंढरपुर
*वेदनेच्या पाऊलखुणा..*
विरह कविता संग्रह लवकरच
तुमच्या भेटीला
*एकांत* काव्यसंग्रह लवकरच
येत आहे तुमच्या भेटीला
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*राज्यस्तरीय पुरस्कार प्राप्त*
*हजरत टिपू सुलतान* महाराष्ट्र राज्य
*समाजरत्न* महाराष्ट्र राज्य मुंबई
(प्रेरणा फाउंडेशन बदलापुर)
विदर्भाचा अष्टपैलू राज्यस्तरीय
पुरस्कार प्राप्त यवतमाळ
अ.भा.साहित्य संमेलन(बडोदा)
उत्कृष्ट रचना
*समाज भुषण* राज्यस्तरीय पुरस्कार जाहिर महाराष्ट्र राज्य
*महाराष्ट्राचा काव्यसम्राट*
जाहिर
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*रेडीओ वाहिनीवर मुलाखत*
रेडीओ सी टी
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Friday, April 17, 2020
स्वार्थी सारे मतलबी येथे
स्वार्थी सारे नाते येथे त्यात
तुझ्या ही नावाची नोंद झाली,
लव गुरु या महाराष्ट्राचा मी
माझ्यावर प्रेमाची विज कडाडली,
नाज नाही तर मला लय माज
होता माझ्या अन् तिच्या प्रेमावर,
राहणारच माज स्वतःपेक्षा
जास्त विश्वास होता तिच्यावर,
एकाक्षणात उतरवला माज माझा
नेमकं काय तिला झालं होतं...?
तिच्या मनात माझ्याबद्दल जणू
घरच्यांनी विषारी विष पेरलं होतं.
कवी प्रेम
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