Wednesday, October 11, 2017

तुम्हे गया भुल

आज भी संभालकर रखा है
मैने ओ गुलाब का फुल।
जो मुझे कहता है हमेशा याद
मत कर उसे जो तुम्हे गया भुल।
कवी प्रेम।
१२/१०/०१७
९६०४०००९६९

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